Stand-Up India Scheme। स्टैंड-अप इंडिया योजना। सम्पूर्ण जानकारी In Hindi।

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक और नयी योजना में जिसका नाम है Stand-Up India योजना जिसमे आपको नए आत्मनिर्भर भारत की ऊंचाइयों को छूने का सपना देखने वाले कई युवा और व्यावसायिक व्यक्तियों के लिए, स्टैंड अप इंडिया योजना एक नई दिशा देने सहायक है। यह योजना उन व्यावसायिको  लिए एक द्वार खोल रही है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से से हमेशा तंग रहे है । इस ब्लॉग के माध्यम से हम इस योजना के बारेमे सभी जानकारी आप तक पहुचने का प्रयास करेंगे।

स्टैंड-अप इंडिया योजना क्या है ?

“Stand-Up India” योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है की  भारतीय महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के विकास के लिए फाइनेंसियल रिसोर्सेज प्रदान करना है। इस योजना के तहत शुरू किये जाने वाले उद्यमी अपने स्वयं के उद्यम को शुरू करने और संचालित करने के लिए बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

Stand-Up India योजना के तहत, एक महिला उद्यमी, स्वतंत्रता सेनानी या अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति को शुरूपूर्व वित्तीय संसाधन की आवश्यकता होने पर वित्तीय संस्थानों के माध्यम से ऋण की प्राथमिकता प्राप्त करने का अवसर मिलता है। यह ऋण शुरू करने के लिए वित्तीय संस्थानों के द्वारा सुविधा प्रदान की जाती है, जिसके माध्यम से उद्यमी अपने व्यापार के लिए आवश्यक संसाधनों को खरीद सकते हैं।

इस योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले ऋण की राशि व्यापारिक वाहनों, मशीनरी, औद्योगिक उपकरण, सूचना प्रौद्योगिकी सामग्री, भूमि, और कार्यालयी स्थापनादियों की खरीद आदि के लिए उपयोग की जा सकती है। यह योजना भारत में अधिकतर बैंकों द्वारा संचालित की जाती है और इसका लाभ उद्यमियों को बैंक ब्याज दरों में सब्सिडी प्राप्त करने के रूप में दिया जाता है।

Stand-Up India योजना द्वारा उद्यमियों को स्वतंत्रता और आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिलता है और यह सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए पात्रता

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड होते हैं:

1. उद्यमी का जाति या जनजाति के तहत समर्थन प्राप्त करना चाहिए। इसमें अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) की जनसंख्या समेत होती है।

2. योजना का लाभ लेने वाले उद्यमी की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

3. योजना का लाभ लेने वाले उद्यमी को स्वतंत्रता सेनानी (Freedom Fighter) होना चाहिए या उनके परिवार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होना चाहिए।

4. एक महिला उद्यमी को भी योजना का लाभ मिलता है, जिसमें भारतीय नागरिकता वाली महिलाएं शामिल होती हैं।

उपरोक्त पात्रता मानदंडों के अलावा, योजना के तहत ऋण के लिए और अन्य विवरणों के लिए संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था के निर्देशानुसार आवश्यकताएं हो सकती हैं। उद्यमी को आवेदन प्रक्रिया में अग्रसर होना चाहिए और उन्हें अपनी पात्रता को समर्थन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करना होगा।

स्टैंड-अप इंडिया योजना की प्रमुख शर्ते

स्टैंड-अप इंडिया योजना की प्रमुख शर्तें निम्नलिखित हो सकती हैं:

1. स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत, योग्यता प्राप्त करने के लिए आपका नागरिकता भारतीय होनी चाहिए।

2. योजना के तहत लोन का लाभ उठाने के लिए आपका एक स्कीम-योग्य व्यक्ति होना चाहिए। यह एक स्वदेशी उद्यम, एससी/एसटी/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) या महिला हो सकता है।

3. आपकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

4. आपके पास स्वदेशीकरण के अंतर्गत नई व्यवसायिक योजना की एक समर्थन करने योग्य और व्यावसायिक योग्यता के साथ एक व्यवसाय प्लान होना चाहिए।

5. आपके व्यवसाय को उद्यमिता के आदान-प्रदान के माध्यम से संपादित किया जाना चाहिए। इससे आपकी व्यवसायिक क्रियान्वयन क्षमता, वित्तीय प्रक्रिया, और उद्यमिता का प्रमाण होगा।

6. योजना के अंतर्गत लोन की अवधि की सीमा 7 वर्ष तक हो सकती है।

7. आपको बैंक द्वारा निर्धारित की गई ब्याज दर का भुगतान करना होगा।

8. आपको लोन की वसूली के लिए उच्चतम 18 महीनों की अवधि के भीतर शुरूआती उद्यम को लाभदायक बनाना होगा।

कृपया ध्यान दें कि ये शर्तें सामान्य रूप से हैं और आपके लोकल बैंक या वित्तीय संस्था की योजना निर्देशों के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती हैं। आपको संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था की वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी की जांच करनी चाहिए।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन कैसे करें ?

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. बैंक चुनें: योजना के तहत आपको किसी भी संबंधित बैंक का चयन करना होगा जो स्टैंड-अप इंडिया योजना का संचालन करता होता है। आप अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर या ऑनलाइन आवेदन करके जांच सकते हैं कि वह योजना को लागू करता है या नहीं।

2. आवेदन पत्र प्राप्त करें: चयनित बैंक से आपको स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। आप यह पत्र बैंक शाखा से प्राप्त कर सकते हैं या बैंक की वेबसाइट पर डाउनलोड कर सकते हैं।

3. आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें: आवेदन पत्र के साथ, आपको अपनी पहचान प्रमाण पत्र, जन्मतिथि प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, व्यापार योजना, व्यापार योग्यता प्रमाण पत्र आदि के साथ आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करने की आवश्यकता होगी।

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4. आवेदन भरें: आवेदन पत्र को ध्यान से भरें और सभी आवश्यक जानकारी और दस्तावेज़ संलग्न करें। इसके बाद, आपको आवेदन पत्र को बैंक शाखा में जमा करना होगा।

5. अनुसरण करें: आपको बैंक द्वारा निर्धारित अनुसरण प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसमें बैंक द्वारा आपके द्वारा सत्यापित दस्तावेज़, क्रेडिट परीक्षण, और व्यापार योजना की मान्यता शामिल हो सकती है।

6. ऋण की प्रदान की प्रक्रिया: आपके आवेदन को संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा समीक्षा की जाएगी। यदि आपका आवेदन स्वीकार होता है, तो ऋण योजना के तालाबंदी निर्दिष्ट की जाएगी और आपको वित्तीय संस्था के द्वारा ऋण की राशि प्रदान की जाएगी।

आपको संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था के निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित करें कि आप अपने आवेदन की समय-सीमा को पूरा करते हैं और सही दस्तावेज़ प्रस्तुत करते हैं।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. बैंक वेबसाइट चेक करें: आपको पहले बैंक की आधिकारिक वेबसाइट चेक करनी चाहिए और स्टैंड-अप इंडिया योजना के ऑनलाइन आवेदन के बारे में जानकारी खोजनी चाहिए।

2. आवेदन प्रपत्र डाउनलोड करें: वेबसाइट पर, आपको स्टैंड-अप इंडिया योजना के ऑनलाइन आवेदन प्रपत्र को डाउनलोड करना होगा। आपको आवेदन प्रपत्र में दी गई जानकारी को सही तरीके से भरना होगा।

3. आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करें: ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के दौरान, आपको आवश्यक दस्तावेज़ों को स्कैन करके तैयार रखना होगा। इन दस्तावेज़ों की सूची आपको बैंक की वेबसाइट पर मिलेगी।

4. आवेदन पत्र भरें: डाउनलोड किए गए आवेदन प्रपत्र को खोलें और उसे अपने कंप्यूटर पर भरें। सभी आवश्यक जानकारी को सही तरीके से दर्ज करें और स्कैन किए गए दस्तावेज़ों को आवेदन के संलग्न करें।

5. आवेदन सबमिट करें: आपको अपने ऑनलाइन आवेदन को सबमिट करने के लिए वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा। सामग्री की सत्यापन करें और आवेदन प्रपत्र के संलग्न दस्तावेज़ों को अपलोड करें।

6. आवेदन की प्रक्रिया का अनुसरण करें: आपको अपने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को बैंक वेबसाइट पर निर्धारित अनुसरण करना होगा। इसमें बैंक द्वारा आपके द्वारा दी गई जानकारी की सत्यापन, क्रेडिट परीक्षण और अन्य प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।

आपको संबंधित बैंक की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन की तारीखों, दस्तावेज़ सूची, और आवश्यक जानकारी की जांच करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि आप आवेदन की समय-सीमा के बारे में जानते हैं और सही दस्तावेज़ प्रस्तुत करते हैं।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता हो सकती है:

1. व्यवसाय प्लान: एक व्यवसाय प्लान प्रस्तुत करना आवश्यक हो सकता है जिसमें आपके व्यवसाय के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिए, जैसे कि व्यवसाय का प्रकार, उत्पाद या सेवाओं का विवरण, आपका टारगेट लक्ष्य और विपणन स्ट्रैटेजी।

2. व्यवसायिक योग्यता प्रमाणपत्र: आपको अपनी व्यवसायिक क्षमता की प्रमाणित प्रतिलिपि प्रस्तुत करनी होगी। यह आपके पूर्व अनुभव, शैक्षिक योग्यता, पेशेवर प्रशिक्षण या प्रमाणीकरण, व्यवसायिक उपलब्धियाँ आदि के आधार पर हो सकती है।

3. पहचान प्रमाणपत्र: आपको अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए वैध पहचान प्रमाणपत्र, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि की प्रतिलिपि सबमिट करनी होगी।

4. आय प्रमाणपत्र: आपको अपनी आय की प्रमाणित प्रतिलिपि स

बमिट करनी होगी। यह आपके आय के स्रोतों को सत्यापित करने के लिए हो सकती है, जैसे कि आयकर रिटर्न, आय सरकारी दस्तावेज़ आदि।

5. बैंक संबंधित दस्तावेज़: आपको अपने व्यवसाय के लिए बैंक संबंधित दस्तावेज़, जैसे कि बैंक स्थानक, खाता संख्या, पासबुक, बैंक की प्रमाणित प्रतिलिपि, बैंक लेटर, और व्यवसाय संबंधित बैंक रिपोर्ट जैसे कि बैंक स्टेटमेंट आदि, सबमिट करने हो सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि ये दस्तावेज़ संभावित आवश्यकताओं की एक सामग्री हैं और इनमें थोड़े विवरणों में भिन्नता हो सकती है। आपको अपने लोकल बैंक या वित्तीय संस्था के निर्देशों के अनुसार जानकारी की जांच करनी चाहिए।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लाभ एवं फायदे

स्टैंड-अप इंडिया योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो वित्तीय सहायता, उद्यमिता और रोजगार को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य रखती है। यह योजना निम्नलिखित लाभ और फायदे प्रदान करती है:

1. आर्थिक सहायता: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत उच्च ब्याज दरों के साथ वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह आरंभिक निवेश के लिए पुंजी उपलब्ध कराता है और व्यवसाय को स्थायीकृत करने में मदद करता है।

2. उद्यमिता को प्रोत्साहित करना: योजना महिलाओं, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के व्यक्ति को स्वदेशी उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर सामुदायों के उद्यमिता में वृद्धि होती है और विकास की दिशा में समानता को सुनिश्चित करती है।

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3. रोजगार सृजन: स्टैंड-अप इंडिया योजना व्यक्ति को स्वयं रोजगार का अवसर प्रदान करती है। यह नए उद्यमों की स्थापना प्रोत्साहित करती है और नौकरी सृजन के लिए मदद करती है।

4. वित्तीय संवर्धन: योजना के अंतर्गत उद्यमियों को वित्तीय संवर्धन की सुविधा प्रदान की जाती है। इससे उन्हें वित्तीय प्रबंधन, लोन का वसूली, बैंक खाता व्यवस्थापन, और बिजनेस प्लानिंग की सलाह द्वारा मदद मिलती है।

5. स्किल विकास: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत प्रशिक्षण और कौशल विकास की सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इससे उद्यमियों को उच्चतर स्तर की ज्ञान और कौशल प्राप्त होते हैं, जो उनके व्यवसाय की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाता है।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लाभ विभिन्न उद्यमियों और आर्थिक रूप से कमजोर सामुदायों को सहायता प्रदान करते हैं, उन्हें स्वावलंबी बनाते हैं और अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।

स्टैंड-अप इंडिया योजना का सहायता का स्वरूप, ऋण, ब्याजदर, ऋण की वापिसी

स्टैंड-अप इंडिया योजना का सहायता का स्वरूप व्यापारिक ऋण (Business Loan) है, जिसका उद्देश्य उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे नए उद्योग स्थापित कर सकें और अपने व्यवसाय की प्रगति कर सकें। यह ऋण उद्यमियों को उच्चतर स्तर के कौशल, वित्तीय स्थिरता, रोजगार सृजन और स्वावलंबन में मदद करने का लक्ष्य रखता है।

यहां स्टैंड-अप इंडिया योजना के बारे में अधिक जानकारी है:

1. ब्याजदर (Interest Rate): स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत ऋण का ब्याजदर सामान्य ऋणों की तुलना में कम होता है। ब्याजदर की गणना बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा की जाती है।

2. ऋण की वापसी (Repayment): स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण की वापसी की अवधि और शर्तें आवेदक के व्यवसाय और आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित की जाती है। वापसी की अवधि एक मंगायी वक्तावधि (Moratorium Period) के बाद शुरू होती है और साधारणतः कई वर्षों तक चलती है।

स्टैंड-अप इंडिया योजना द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण का उद्देश्य उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें और अपने व्यवसाय को मजबूत बना सकें। इसके माध्यम से उद्यमियों को वित्तीय संसाधनों तक पहुंच मिलती है, जो उनके व्यवसाय की विकास और वृद्धि को समर्थन करती है।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के आवेदन पर कितनी धनराशि मिलती है ?

स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत आवेदन पर प्राप्त होने वाली ऋण की धनराशि आपके व्यवसाय के प्रकार, आवश्यकताओं और बैंक या वित्तीय संस्था के निर्देशानुसार निर्धारित की जाती है। यह धनराशि व्यक्तिगत आवश्यकताओं और प्रस्तावित व्यवसाय की आवश्यकताओं पर भी निर्भर करेगी।

सामान्यतः, स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत दी जाने वाली ऋण धनराशि एक लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है। यह धनराशि आपके व्यवसाय की प्रतिभा, प्रगति की योजना, आवश्यकताओं और वित्तीय संस्था के मानदंडों पर निर्भर करेगी।

ध्यान दें कि आपको बैंक या वित्तीय संस्था के साथ संपर्क स्थापित करके विवरण और विवरणों की अवधारणा करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपको योजना के तहत प्राप्त होने वाली ऋण की विशेष धनराशि का निर्धारण होगा।

स्टैंड-अप इंडिया योजना Toll Free Helpline Number

स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आप निम्नलिखित टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं:

1. स्टैंड-अप इंडिया हेल्पलाइन नंबर: 1800-180-1111
(सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध)

आपको इस हेल्पलाइन नंबर पर आवश्यक सहायता और जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यहां पर्याप्त जानकारी और निर्देश आपको दिए जाएंगे जो आपको स्टैंड-अप इंडिया योजना के बारे में समझने और आवेदन करने में सहायता करेंगे।

स्टैंड-अप इंडिया योजना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)

आपके लिए यहां स्टैंड-अप इंडिया योजना से संबंधित 20 महत्वपूर्ण प्रश्नों और उत्तरों (FAQs) की सूची है:

1. प्रश्न: स्टैंड-अप इंडिया योजना क्या है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना भारत सरकार की एक बड़ी पहल है जो दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है।

2. प्रश्न: योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके व्यवसायों को प्रोत्साहित करना है।

3. प्रश्न: स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: योजना के तहत पात्रता मानदंड के रूप में निम्नलिखित शर्तें हो सकती हैं:
– आवेदक का नागरिकता प्रमाणपत्र या वैध पहचान पत्र होना चाहिए।
– आवेदक की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
– आवेदक को व्यवसाय की स्थापना करने के लिए योग्य होना चाहिए।
– ऋण के लिए आवेदक की किसी वित्तीय संस्था से बैंक खाता होना चाहिए।

4. प्रश्न: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत किस प्रकार के व्यवसायों को ऋण मिलता है?
उत्तर: योजना के तहत दलित, आदिवासी और महिला उद्यमियों को शुरू करने, विस्तारित करने और मजबूत करने के लिए विभिन्न व्यवसायों के लिए ऋण प्रदान किया जाता है, जैसे कि वित्तीय सेवाएं, विनिर्माण, सेवा, खेल, खुदरा, यात्रा आदि।

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5. प्रश्न: योजना के तहत मिलने वाले ऋण की धनराशि क्या होती है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत आवेदक को आर्थिक सहायता के रूप में ऋण की धनराशि 10 लाख रुपये से शुरू होती है और 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है।

6. प्रश्न: ऋण की वापसी की अवधि क्या होती है?
उत्तर: ऋण की वापसी की अवधि स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत 7 साल तक होती है, जिसमें 18 माह का मूड़त काल शामिल होता है।

7. प्रश्न: स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के लिए आवेदन को आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। आप बैंकों, वित्तीय संस्थानों, योजना के लिए निर्धारित अधिकारियों या विभागों के पास जाकर आवेदन कर सकते हैं।

8. प्रश्न: योजना के आवेदन प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
उत्तर: आवेदन प्रक्रिया और ऋण की स्वीकृति के लिए कुछ समय लगता है, जो संभवतः 30 से 45 दिनों तक हो सकता है। हालांकि, इसे योजना के निर्देशानुसार संचालित किया जाना चाहिए।

9. प्रश्न: आवेदन करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं?
उत्तर: योजना के आवेदन के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है:
– आवेदन पत्र
– व्यवसाय योजना
– व्यवसाय के लिए अग्रिम बजट
– व्यवसाय के लिए आवश्यक सर्टिफिकेट और लाइसेंस
– बैंक खाता संबंधी दस्तावेज
– व्यवसाय के ल

िए किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज की मांग जो स्थापना या उद्यमिता की पुष्टि करता हो

10. प्रश्न: योजना के लिए ऋण का माध्यम क्या होता है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत आपको बैंकों, मध्यस्थ संस्थानों, माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस और को-ऑपरेटिव बैंकों जैसे वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

11. प्रश्न: क्या ऋण के लिए किसी गारंटी या सुरक्षा की आवश्यकता होती है?
उत्तर: हाँ, योजना के तहत आपको ऋण के लिए किसी गारंटी या सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है। आवेदन प्रक्रिया के दौरान आपसे इसके बारे में अधिक जानकारी दी जाएगी।

12. प्रश्न: योजना के तहत ऋण की व्याज दर क्या होती है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के अंतर्गत ऋण की व्याज दर आपके वित्तीय संस्था द्वारा निर्धारित की जाती है। इसलिए, व्याज दर आपके लेनदार संस्था के नियमों पर निर्भर करेगी।

13. प्रश्न: योजना के लाभार्थी कौन-कौ

न से उद्यमी हो सकते हैं?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत निम्नलिखित उद्यमी पात्र हो सकते हैं:
– स्वदेशी जाति और जनजाति के उद्यमी
– महिला उद्यमी
– व्यक्ति विकलांगता के साथ उद्यमी
– स्वरोजगारी मजदूरों के उद्यमी
– संस्थानिक क्षेत्र के उद्यमी

14. प्रश्न: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत कितना समय तक का ऋण मिल सकता है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत आपको 10 लाख रुपये से शुरू होते हुए 1 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

15. प्रश्न: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण का क्या उपयोग हो सकता है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत प्राप्त किया गया ऋण आप अपने व्यवसाय की स्थापना, विस्तार या मजबूत करने, उपकरण और सामग्री की खरीद, मजदूरी का भुगतान, मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण, मार्केटिंग या प्रचार-प्रसार के लिए उपयोग कर सकते हैं।

16. प्रश्न:योजना के तहत मिलने वाले ऋण की वापसी कैसे होती है?
उत्तर: स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत मिलने वाले ऋण की वापसी की अवधि 7 वर्ष होती है, जिसमें 18 महीनों का मूड़त काल शामिल होता है। वापसी के लिए आपको नियमित आय के आधार पर निर्धारित अंशदान का भुगतान करना होगा।

17. प्रश्न: योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए कोई आय और आयु सीमा होती है?
उत्तर: हाँ, स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए आय और आयु सीमा निर्धारित की जाती है। आमतौर पर, आवेदक की वार्षिक आय 18 लाख रुपये से कम होनी चाहिए और उद्यमी की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

18. प्रश्न: क्या योजना के तहत ऋण सुविधा केवल नगरीय क्षेत्रों के लिए ही है?
उत्तर: नहीं, स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत ऋण सुविधा न केवल नगरीय क्षेत्रों के लिए है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध है। यह उद्यमियों को ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए सुविधा प्रदान करता है।

19. प्रश्न: क्या योजना के तहत ऋण की संख्या पर कोई सीमा है?
उत्तर: हाँ, स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत आप एक ही उद्यम के लिए केवल एक ऋण का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन, अगर आपके पास कई उद्यम हैं, तो आप प्रत्येक उद्यम के लिए अलग-अलग ऋण आवेदन कर सकते हैं।

20. प्रश्न: क्या स्टैंड-अप इंडिया योजना का कोई प्रावधान शिक्षा सेक्टर के लिए है?
उत्तर: हाँ, स्टैंड-अप इंडिया योजना में शिक्षा सेक्टर के लिए भी विशेष प्रावधान है। इसके तहत आप शिक्षा संस्थानों की स्थापना और विकास के लिए ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में विनायक होंगे।

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